विश्व व्यापार संगठन WTO (Study Material : Political Science)
WTO क्या है? (What is WTO?)
विश्व व्यापार संगठन (World Trade Organization – WTO) एक अंतरराष्ट्रीय संगठन है जो देशों के बीच अंतरराष्ट्रीय व्यापार के नियम निर्धारित करता है। यह 1 जनवरी 1995 को सामान्य वित्तीय उत्पादों एवं वस्तुओं की व्यापार संबंधी समझौते के लिए एक संगठन के रूप में स्थापित किया गया था।
WTO का प्रमुख कार्य यह सुनिश्चित करना है कि व्यापार जितना संभव हो सुचारू रूप से, अनुमानित रूप से और स्वतंत्र रूप से होता रहे। इसके अलावा, WTO व्यापार समझौतों लागू करने, व्यापार विवादों के निपटाने के लिए एक मंच प्रदान करता है और राष्ट्रीय व्यापार नीतियों की निगरानी करने का काम करता है।
WTO की सदस्यता किसी भी देश के लिए खुली है, जो भी देश इसके नियमों और सिद्धांतों का पालन करने के लिए सहमत होता है। 2021 तक इसमें 164 सदस्य देश थे, जिसमें दुनिया के अधिकतर बड़े व्यापार देश शामिल हैं। WTO बिना भेदभाव के सिद्धांत पर काम करता है।
WTO में शामिल होने का क्या फायदा है? (What is the Advantage of Joining WTO?)
WTO में शामिल होने के कुछ महत्वपूर्ण फायदे हैं-
विश्व स्तर पर अधिक व्यापार – WTO के माध्यम से अधिक व्यापार की संभावना होती है, जिससे देशों की अर्थव्यवस्थाओं में सुधार होता है।
व्यापार बाधाओं का कम होना – WTO के नियमों के अनुसार, देशों को अन्य देशों से समान रूप से व्यापार करना होता है। इससे व्यापार बाधाओं को कम करने में मदद मिलती है।
व्यापार विवादों के निपटान – WTO द्वारा व्यापार विवादों के निपटान होता है, जिससे देशों के बीच व्यापार के नियमों का अनुपालन करने के लिए समान अवसर मिलते हैं।
अधिक संचार व्यापार नीतियाँ – WTO के नियम और उनका पालन करने वाले सदस्य देशों के बीच व्यापार की नीतियों संचार बढ़ता है, जो व्यापार संबंधी बाधाओं को कम करती हैं।
WTO का मुख्य उद्देश्य क्या है? (What is the Main Purpose of WTO?)
WTO का मुख्य उद्देश्य विश्व व्यापार को संरक्षित बनाना और सुधारना है। इसके लिए WTO के निर्माण के समय सात मुख्य उद्देश्यों का निर्धारण किया गया था जो निम्नलिखित हैं-
1 विश्व व्यापार को स्वतंत्र और न्यायसंगत बनाना
2 विश्व अर्थव्यवस्था की सुधार
3 अंतरराष्ट्रीय नियमों का निर्धारण और उनका पालन करना
4 अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में अधिक विकासशील देशों को समान अवसर देना
5 विश्व व्यापार में गैर-वाणिज्यिक वस्तुओं के लिए समझौते करना
6 विश्व व्यापार में प्रतिबंधों और वाणिज्यिक निष्पादन दायरों को कम करना
7 अंतरराष्ट्रीय व्यापार में वातावरणीय तंत्र की बढ़ती हुई उपेक्षा को रोकना।
यह मुख्य उद्देश्य WTO के सदस्य देशों के लिए संगठन द्वारा निर्देशित होते हैं, जिसके द्वारा वे आर्थिक विकास में सहायता करने वाले नियमों और निर्देशों का पालन कर सकते हैं।
WTO का भारत व विकासशील देशों पर प्रभाव (Impact of WTO on India and Developing Countries)
WTO भारत पर व्यापार, आर्थिक विकास और उत्पादों की विनिमय नीतियों और नियमों पर व्यापक प्रभाव डालता है। कुछ महत्वपूर्ण प्रभावों में निम्नलिखित शामिल हैं-
विश्व व्यापार के माध्यम से अधिक विकासशील देशों को समान अवसर – WTO के द्वारा अधिक विकासशील देशों को विश्व व्यापार में समान अवसर दिए जाते हैं। यह भारत को विश्व व्यापार में अधिक सक्रिय होने का मौका देता है।
विश्व व्यापार के नियमों में समानता – WTO के द्वारा सभी सदस्यों के लिए एक ही नियम और नीति का पालन करना आवश्यक होता है। इससे भारत के लिए विश्व व्यापार में विश्वसनीयता का स्तर बढ़ता है।
विश्व व्यापार के लिए न्यायसंगत नियम – WTO के द्वारा स्थापित नियम विश्व व्यापार के लिए न्यायसंगत होते हैं। यह भारत के लिए व्यापार में अधिक सुरक्षित और विश्वसनीय बाजार प्रवेश का मौका बनाता है।
विश्व व्यापार के लिए विवाद व समाधान – WTO के द्वारा विवाद समाधान तंत्र समाधान तंत्र दो समझौतों के बीच उत्पन्न होने वाले किसी विवाद को हल करने के लिए एक प्रणाली है। विवादों के समाधान के लिए यह एक समझौता है, जो दोनों पक्षों को संतुष्ट करता है। समाधान तंत्र द्वारा विवादों को समझौते के माध्यम से हल किया जाता है, जो दोनों पक्षों के लिए न्यायसंगत होता है।
WTO में समाधान तंत्र भी है, जो सदस्यों के बीच विवादों के लिए एक समाधान मार्ग प्रदान करता है। इस प्रणाली के माध्यम से, दोनों पक्षों को विवाद के समाधान के लिए एक समझौता पर आमंत्रित किया जाता है। अगर समझौते पर दोनों पक्षों के बीच सहमति नहीं होती है, तो एक अन्य समिति द्वारा समाधान किया जाता है, जो निष्पक्ष होती है और न्यायसंगत निर्णय देती है।