अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष Study Material : Political Science
IMF क्या है? (What is IMF?)
IMF (International Monetary Fund) एक अंतर्राष्ट्रीय संगठन है जो आर्थिक सहयोग और वित्तीय सलाहकार के रूप में कार्य करता है। IMF के मुख्य कार्य वित्तीय संकटों और आर्थिक सुधारों के लिए वित्तीय सहायता और सलाह प्रदान करना है। इसके अलावा, IMF विश्व व्यापार और आर्थिक विकास के लिए नीति निर्माण और अनुसंधान के लिए भी जिम्मेदार है। IMF के सदस्य देश इस संगठन के संदर्भ में आर्थिक वित्तीय दायित्व निभाते हुए उनके आर्थिक विकास के लक्ष्यों को साधने के लिए उपयोग करते हैं। IMF का मुख्यालय वाशिंगटन डीसी में है।
अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष IMF की स्थापना कब की गई थी? (When Was IMF Established?)
IMF की स्थापना 27 दिसंबर, 1945 को ब्रेटन वुड्स समझौते के तहत हुई थी। यह समझौता द्वितीय विश्व युद्ध के बाद अंतरराष्ट्रीय आर्थिक सहयोग और समन्वय को बढ़ावा देने के लिए बनाया गया था। IMF ब्रेटन वुड्स समझौते के सहयोग के साथ विश्व व्यापार को संचालित करने, देशों को आर्थिक विकास के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करने, और आर्थिक संकटों के समाधान के लिए विभिन्न उपायों की सलाह देने के लिए बनाया गया था।
अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष IMF के पास कर्ज देने के लिए पैसा कहां से आता है? (Where Does the Money Come From to Lend to the IMF?)
IMF के पास कर्ज देने के लिए पैसा दो स्रोतों से आता है-
पहला स्रोत IMF (अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष) के सदस्य देशों से आता है, जो नियमित रूप से तय मात्रा में धन जमा करते हैं। ये जमा राशि IMF की वित्तीय संरचना का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होती है, जिसका उपयोग उन देशों की संबंधित आर्थिक और वित्तीय दृष्टियों के साथ कर्ज और अन्य वित्तीय सहायता के लिए किया जाता है।
दूसरा स्रोत IMF खुद के धन संसाधनों से आता है। IMF विभिन्न वित्तीय संस्थाओं से धन उठाता है जो विश्व बाजारों में संचालित होते हैं। यह धन संसाधन IMF को कर्ज और अन्य वित्तीय सहायता के लिए उपलब्ध होता है। एक बार जब IMF किसी देश को कर्ज देता है, तो वह उस देश से संबंधित शर्तें और नियमों के साथ आर्थिक सुधार के लिए सलाह देता है, जिसे कर्ज लेने वाले देश को मानना ही पड़ता है।
IMF ने पाकिस्तान को कर्ज देने से क्यों मना किया? (Why did IMF Refuse to Give Loan to Pakistan?)
IMF ने पाकिस्तान को कर्ज देने से मना कर दिया है क्योंकि पाकिस्तान ने IMF के शर्तों का पूरा नहीं किया है और उसने अपने आर्थिक सुधारों के लिए आवश्यक कदम नहीं उठाए हैं।
IMF (अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष) अपने कर्जों के लिए देशों से मुख्य रूप से दो बातें मनवाना चाहता है। उचित आर्थिक नीति फैसलों पर अमल और वित्तीय संतुलन को बचाने के लिए आवश्यक कदम उठाना।
पाकिस्तान को भी IMF के उपरोक्त शर्तों का पूरा करना होगा यदि वह इसके कर्ज के लिए योग्य होना चाहता है। इसके अलावा, पाकिस्तान को अपनी आर्थिक स्थिति में सुधार करने के लिए विभिन्न कदम उठाने की जरूरत होगी, जैसे कि वित्तीय बजट के तहत व्यय को कम करना, आय को बढ़ाना, वित्तीय संरचना के सुधार, वित्तीय स्वच्छता, आर्थिक सक्षमता के लिए अधिक संरचित नीत आदि।
IMF का मुख्य उद्देश्य क्या है? (What is the Main Objective of IMF?)
IMF का मुख्य उद्देश्य विश्व अर्थव्यवस्था को सुधारना और स्थायी रूप से दृढ़ता देना है। IMF विभिन्न देशों को वित्तीय मदद और सलाह देता है, ताकि वे अपनी आर्थिक समस्याओं का समाधान कर सकें।
IMF के मुख्य उद्देश्यों में शामिल हैं-
– सदस्य देशों को वित्तीय सलाह देना और उनकी आर्थिक समस्याओं का समाधान करना। अर्थव्यवस्था की स्थायी वृद्धि को बढ़ाना।
– विश्व व्यापार के बाहरी तथा आंतरिक विपणन को बढ़ावा देना।
– वित्तीय संरचना को सुधारना और अर्थव्यवस्था को स्थायी रूप से दृढ़ता देना।
– सदस्य देशों को वित्तीय संसाधनों तथा अन्य संबंधित सेवाओं की पहुंच उपलब्ध कराना। IMF द्वारा उपलब्ध की जाने वाली वित्तीय सलाह, संसाधनों और तकनीकी सहायता के जरिए, सदस्य देश अपनी आर्थिक समस्याओं को समाधान करने में मदद प्राप्त कर सकते हैं और स्थायी रूप से विश्व अर्थव्यवस्था को सुधार सकते हैं।
IMF में मुख्य भूमिका किस देश की रहती है? (Which Country Plays the Main Role in IMF?)
IMF में मुख्य भूमिका वर्तमान में संयुक्त राज्य अमेरिका की रहती है। IMF के बोर्ड के अध्यक्ष वर्तमान में अमेरिका के हैं और वे IMF की सभी महत्वपूर्ण निर्णयों को निर्धारित करते हैं। इसके अलावा, अमेरिका एक अहम सदस्य है जिसका योगदान IMF के संसाधनों में अधिकतम होता है।
हालांकि, IMF का निर्णय लेने के लिए बोर्ड में 24 सदस्य होते हैं, जिनमें से अन्य देशों के प्रतिनिधियों का भी अहम योगदान होता है। IMF के सदस्य देश अपने वित्तीय हितों के लिए संयुक्त रूप से निर्णय लेते हैं और इस प्रकार संगठन के निर्णयों को आपसी सहमति व समझौते द्वारा लेते हैं।