भारत में ध्वजारोहण के नए नियम (New rules for flag hoisting in India)
झंडा संहिता के नियम में बदलाव करते हुए बताया गया है कि अब राष्ट्रीय ध्वज हाथ से काता, हाथ से बुना या मशीन से या मशीन से बना हो सकता है। जिसे कपास/पॉलिएस्टर/ऊन रेशमी खादी से बनाया जायेगा। पहले मशीन या पॉलिएस्टर से बने राष्ट्रीय ध्वज को इस्तेमाल करने अनुमति नहीं थी।
अपने घरों में तिरंगा लगाने की अपील (Har Ghar Tiranga)
आजादी के अमृत महोत्सव के परिणाम स्वरूप सरकार ने 11 से 17 अगस्त तक अपने-अपने घरों में तिरंगा लगाने की अपील की है। यही कारण है कि सरकार ने देश की झंडा संहिता में बदलाव किया है। वर्तमान में झंडा दिन या रात किसी भी समय झंडा फहराये जाने की अनुमति है। आजादी के अमृत महोत्सव के परिणाम स्वरूप सरकार द्वारा 13 से 15 अगस्त ‘हर घर तिरंगा’ का अभियान शुरू किया जा रहा है।
केंद्रीय गृह सचिव द्वारा प्रत्येक राज्य में खत भेजा गया
केंद्रीय गृह सचिव द्वारा भेजे गए इस पत्र में यह सुचना दी गई है कि भारतीय झंडा उपयोग (प्रदर्शन या फहराना) झंडा संहिता 2002 व राष्ट्रीय गौरव अपमान निवारण अधिनियम 1971 के अंतर्गत आता है। 20 जुलाई 2002 में 2022 के इक आदेश के परिणाम स्वरूप संशोधन किया गया है।
झंडा फहराने के कुछ नियम (Some rules for hoisting the flag)
वर्तमान में भारतीय झंडा संहिता भाग दो के पैरा 2.2 के खण्ड 11 को इस प्रकार पढ़ा व माना जाएगा-
1. अब तिरंगा दिन रात फहराया जा सकता है। पहले तिरंगा सूर्योदय से सूर्योस्त तक फहराने की आज्ञा थी।
2. राष्ट्रीय ध्वज हाथ से काता, हाथ से बुना या मशीन से या मशीन से बना हो सकता है। जिसे कपास/पॉलिएस्टर/ऊन रेशमी खादी से बनाया जायेगा।
3. 2002 से पूर्व आम नगरिको को मात्र स्वतंत्रता दिवस व गणतंत्रता दिवस पर ही तिरंगा फहराने की अनुमति थी। 26 जनवरी 2002 के दिन भारतीय झंडा कोड में संशोधन किया गया परिणाम स्वरूप अब कोई भी नगरिक किसी भी दिन झंडा फहराने का अधिकार रखता है।
4. झंडे की लंबाई व चौड़ाई का अनुपात सदैव 3 :2 का ही होना चाहिए अर्थात आकार आयताकार होगा। केसरिया रंग नीचे की तरफ करके झंडा लगाया या फहराया नहीं जा सकता है।
5. झंडा कभी ज़मीन पर नहीं रखा जा सकता है। झंडा आधा झुकाकर नहीं फहराया जा सकता। सरकारी इमारतों पर सरकारी आदेश के परिणाम स्वरूप ही झंडा आधा झुका कर फहराया जा सकता है।
6. झंडा कभी पानी में नहीं डुबोया जा सकता है, अर्थात फिजिकल डैमेज नहीं पहुंचाया जा सकता है। झंडा कभी जलाया भी नहीं जा सकता है। यदि मौखिक रूप से भी झंडे का अपमान किया तो तीन साल तक की जेल या जुर्माना अथवा दोनों हो सकते हैं।
7. झंडे का कमर्शल उपयोग नहीं किया जा सकता है। किसी के आगे झंडा झुकाना, झंडे का वस्त्र बनाना, मुर्ति मे लपेट देना या किसी मृत नगरिक (शहीद जवानों के अतरिक्त) के शव पर डालना। यह सब तिरंगे के अपमान के अंतर्गत आता है।
8. तिरंगे को यूनिफॉर्म के रूप में इस्तेमाल करना, कमर के नीचे कपड़ा बनाकर पहनना, रूमाल, कुशन या किसी भी रूप में तिरंगे का इस्तेमाल करना तिरंगे का अपमान है।
9. झंडे पर किसी भी प्रकार का अक्षर या शब्द नहीं लिखा जा सकता है।
10. गणतंत्र दिवस व स्वतत्रंता दिवस के अवसर पर झंडे के बीच में फूलो की पंखुडियाँ रख कर झंडा फहराने में कोई अपत्ति नहीं है।
11. किसी भी प्रकार के कार्यक्रम में वक्ता आदि की मेज ढकने अथवा सजाने के लिए भी झंडे का उपयोग नहीं किया जा सकता है।
12. रेलगाडी, वायुयान या किसी भी प्रकार के वाहन को छत या बगल कहीं से भी तिंरगे से नहीं ढका जा सकता है। यहाँ तक कि झंडे का इस्तेमाल किसी प्रकार की इमारत में पर्दे के रूप में भी नहीं किया जा सकता है।
13. फटा या मैला-कुचैला तिरंगा नहीं फहराया जा सकता है।
14. किसी अन्य झंडे या पताका को राष्ट्रीय झंडे से ऊंचा या राष्ट्रीय झंडे के बराबर नहीं लगाया जा सकता है।
‘हर घर तिरंगा’ के तहत जब आप अपने घरों में झंडा फहराएँ तो इसका विशेष ध्यान दें कि झंडे का अपमान ना हो रहा हो।
— By Sunaina
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