मेमसाहब का ऐसा रवैया देख कर करिश्मा को बहुत बुरा लगता है। लेकिन वह अपनी गरीबी का एहसास करते हुए इस बात को भुला देती है और अपना काम करने लग जाती है।
कुछ देर बाद मेमसाहब का पति ऑफिस जाने के लिए आ जाता है और
आन्टी (अपने पति से)- सुनिये, ये मिठाई के बोक्स कितने के हैं
मेमसाहब का पति बताता है के हर एक बॉक्स की कीमत पांच सौ रुपये की है
आन्टी – क्या आप भी, आपको पता हैं ना कि हम ऐसे सस्ती मिठाईयों को हाथ भी नही लगाते तो फिर ऐसी मिठाईयाँ क्यों उठा के लाये अब्ब मैं इसको फेक दूँगी
करिश्मा- आन्टी आप इस मिठाई को मत फेंकना मुझे मिठाई बहुत पसन्द है मैं खा लूँगी
आन्टी – हाँ हाँ अगर एक रुपये की चॉकलेट हाथ मे हो तो 500 रुपये की मिठाई पसन्द होगी ही ना
कुछ देर बाद मेमसाहब की लड़की करिश्मा की राखी हुई राखी देखती है और खुश होती है लेकिन उसी समय वह पर मेमसाहब आ जाती है और गुस्से से कहती है
आन्टी – अरे बेटा ये सस्ती वाली राखी लेकर क्यों घूम रहे हो आप तो सूरज को चाँदी वाली राखी बाँधोंगे ये सस्ती वाली नहीं। चलो रखो
आन्टी – अच्छा सुमन
सुमन – जी मेम साहब
आन्टी – ये राखी कितने की हैं
सुमन – 15 रुपये का पूरा पैकेट आया जिसमे 3 राखी है
आन्टी – यानी 5 रुपये की एक राखी, है ना इतनी सस्ती राखी हम्म्म चलो ठीक है
ये देखो मेरे बेटे के लिए ये महंगे गिफ्ट्स जब मेरी बेटी ये गिफ्ट्स देखेगी तो बहुत खुश हो जाएगी हूम्म
उसी समय वह से सुमन गुज़र रही होती है और गलती से गिफ्ट पर पानी गिर जाता है
आन्टी (गुस्से से) – ये क्या कर दिया, ये सारे टोएज मैं अपेक्षा को गिफ्ट देने के लिए लाई थी, देख कर नही चल सकती थी क्या सारे टोएज पर पानी फेर दिया
सुमन – मेम साहब मुझे माफ कर दिजिये, ये मैने जानबूच कर नही किया
आन्टी- अच्छा तू कहना चाह रही है कि मैं तूझसे जानबूचकर टकराई हैं ना।
सुमन – नही नही मेम साहब
आन्टी- कितने मँहगे टोएज हैं कभी देखे भी नही होंगे, हूम्म।
अचानक मेमसाहब का फ़ोन आता है और उसके पति दुखी हो कर बता रहे होते है के
हमारी कम्पनी को बहुत बड़ा नुकसान हूआ है और इसलिए अब वो हमेशा के लिए बंद हो जायेगी
और हमे इस नुकसान की भरपाई के लिए हमारा ये घर गाड़ी और तुम्हारी सारी ज्वैलरी बेचनी होंगी और अगर इसे भी भरपाई ना हूई तो हमे हमारी गाँव की सारी प्रोपट्री भी बेचनी होगी अब हम ज्लदी से यहाँ से निकलते हैं तू बैग पैक कर