Motivation : Thethar Puns वाले राहुल सिन्हा कि कहानी | The Story Of Rahul Sinha of Thethar Puns

Motivation : Thethar Puns वाले राहुल सिन्हा कि कहानी | The Story Of Rahul Sinha of Thethar Puns

विषय (Subject)

प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में कभी न कभी ऐसा समय आता है, जब वह खुद को कमज़ोर और हारा हुआ महसूस करता है। यह कोई भी परिस्थिति हो सकती है, आर्थिक, सामाजिक, और वर्तमान में तो मनोवेज्ञानिक भी बड़ी समस्या है।

समस्या का सामना करने वाले कुछ ऐसे लोग होते हैं, जो इसे अपनी किस्मत मान कर सारी ज़िन्दगी अपनी परेशानियों में ही जीवन बिताने को तैयार हो जाते हैं। कुछ ऐसे लोगे होते हैं, जो परेशानियों को किस्मत न मानकर जीवन का एक पड़ाव मानते हुए संघर्ष करते हैं, और अपने जीवन में वह सब कुछ पा लेते हैं, जो उनके लिए कभी सपना था।

आज हम ऐसी एक असली कहानी की बात कर रहे हैं, जिसके नायक हैं- राहुल सिन्हा।

राहुल सिन्हा कि कहानी (Story of Rahul Sinha)

राहुल सिन्हा जी पटना के रहने वाले हैं। इन्होंने अपने जीवन में बहुत संघर्ष किया और आज एक ऐसा जीवन बीता रहे हैं, जो बीते कल में इनके और इनके परिवार के लिए सपना था।

हाल ही में इन्होंने अपनी कहानी जोश टॉक में बताई है। उनके कथनुसार – वे अपने घर के बड़े बेटे हैं। बचपन में उन्हें और उनके परिवार को जीवन की बुनियादी ज़रूरत खाने और रहने के लिए अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ा।

उनका कहना है, उनके पास खाने के लिए भी कभी-कभी पैसे नहीं होते थे। स्कूल की फीस नहीं दे पाते थे, इसलिए उन्हें अपनी पढ़ाई के लिए भी बहुत संघर्ष करना पड़ा।

उनके परिवार पर बहुत कर्ज़ा था, जिसे चुकाने के लिए उन्हें जमीन बेचनी पड़ी थी। लोग उन्हें आकर पैसे के लिए परेशान करते थे।

अपनी ज़िम्मेदारियों को समझते हुए उन्होंने ट्यूशन पढ़ाने का फैसला किया। शुरू में उन्हें 600 मिलते थे, धीरे-धीरे उन्होंने और मेहनत की, और ट्यूशन पढ़ाया।

उन्हें अभिनेता बनने की इच्छा थी, इसलिए उन्होंने परिवार से झूठ बोलकर कि मुझे नौकरी मिल गई है, मुम्बई चले गए।

जीविका चलाने के लिए नौकरी की तलाश की उनका कहना है, इन्टव्यू में उन्हे लगभग 20 से 30 रिजेक्शन का सामना करना पडा।

उसके बाद नौकरी मिली तो बिजनेस डेब्लेमेन्ट में उन्होंने 6 साल नौकरी की। लगभग एक साल पहले वह नौकरी छोड़ी है।

नौकरी के दौरान ही उन्होंने अपने चैनल Thethar pans की स्थापना की। यह इनका यूट्यूब चैनल है, जिसमें यह निर्जिव वस्तु – आलू, टमाटर, कपडे, मोबाइल इत्यादि से बात करते हुए विडियो बनाते हैं। शुरूआत में यह चैनल नहीं चला, लॉकडाउन में इन्होंने लगभग एक साल कोई विडियो नहीं अपलोड की, उसके बाद फिर से काम शुरू किया तो इन्हे सफलता मिली।

इनके टमाटर वाला विडियो वायरल हो गया, उसके बाद इन्होंने अपने काम में और मेहनत की, जिसका परिणाम है, कि आज वह अपने जीवन में वह सब कुछ हासिल कर सकते हैं, जिसके लिए कभी वह और उनका परिवार सिर्फ सपना ही देखता था।

इनके यूट्यू चैनल का कीबर्ड है – मालिक। वह सारी वस्तुएँ जिससे यह बाते करते हैं, वह उन्हें मालिक कहकर पुकारते हैं।

वे खुद कहते हैं, कि उनके अन्दर एक एक्टिंग का कीड़ा है, इसलिए वह अपने एक्टिंग की सारी इच्छाएँ अपने विडियो में पूरी करते हैं।

उन्होंने बताया कि उनका विडियो एक होस्पिटल में 17 साल के लड़के को ड्रिप्रेशन से निकालने के लिए दिखाया और विडियो देखने के बाद वह बच्चा कुछ खुश हुआ। विडियो खतम होते ही उसने पहला शब्द ओ मालिक बोला।

आज राहुल सिन्हा अपने जीवन से खुश हैं, और बेहतर प्रयास, मेहनत करने के लगे हैं।

निष्कर्ष (Conclusion)

पठाको, आपने इस कहानी के क्या समझा और सीखा? यह कोई किताबी कहानी नहीं है, एक सच्ची घटना है, सबके जीवन के अपने संघर्ष हैं, लेकिन जब कोई जीवन की बुनियादी जरूरतों के अभाव में ज़िन्दगी बिताकर भी लगातार मेहनत करके सफलता हासिल कर सकता है, तो आप क्यों नहीं?

अगर आप राहुल सिन्हा की कहानी उन्हीं से सुनना चाहते हैं, तो देख सकते हैं जिसका लिंक-

राहुल सिन्हा कि कहानी

राहुल सिन्हा के चैनल का लिंक, जहाँ आप उनकी सारी विडियो देख सकते हैं-

https://www.youtube.com/@thethar_puns

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