बहुत समय पहले की बात थी | एक गाँव में चार जादुई बौने हुआ करते थे |
ये बौने पूरे गांव में घूमते और जिस किसी को मदद की जरूरत होती तो उनकी मदद किया करते थे। एक दिन ये चारों बौने रोज़ की तरह गांव मैं घूम रहे थे के अचानक इनको किसी बच्ची के रोने की आवाज़ आई । जैसे ही बौनों ने अंदर झांक कर देखा तो एक प्यारी सी बच्ची कपड़े धोते हुए रो रही थी और पीछे से किसी औरत के चिल्लाने की आवाज़ आ रही थी।
“ख़बरदार अगर आगे से होमवर्क करने की बात कही तो
घर पर बैठो और घर का सारा काम करो। जल्दी ही तुम्हारा स्कूल से नाम कटवाती हूँ।”
यह कहती हुई वह घर से बाहर चली गई । चारों बोनो ने सोचा के हमें इस बच्ची की मदद करनी चाहिए । फिर क्या था । उनमें से एक बोना बिल्ली मैं बदल गया और रसोई मैं रखा दूध पिने लगा।
जैसे ही लड़की ने बर्तन गिरने की आवाज़ सुनी तो वह भाग कर रसोई मैं गई और बिल्ली को देख कर बोली ।
“रुक्क जा बिल्ली चोरी मत कर । चोरी करना गलत बात होती है, मैं तुझे अलग से दूध दे देती हूँ। अगर मेरी माँ को पता चल गया के बिल्लीं ने दूध झूठा कर दिया है तो वो बिना सोचे समझे पता नहीं क्या सजा दे मुझे।”
यह सुन कर वह बिल्ली बोली।
“मुझे आज तक किसी ने ऐसा नहीं बोला । हर कोई मुझे मार कर भगा देता है । तुम बहुत नेक दिल की लकड़ी लगती हो । लेकिन तुम रो क्यों रही थी?”
बिल्ली के पूछने पर लड़की ने दुखी चेहरा बनाते हुए बोला
” मेरा नाम शाइनी है यह मेरी असली माँ नहीं है । येह मेरी सौतेली माँ है । मेरे पापा काम से अक्सर बाहर रहते है। माँ मेरे साथ बोहुत बुरा बर्ताव करती है और पापा मेरी बात का विश्वास भी नहीं करते । इसलिए मुझे माँ की बातों का बहुत बुरा लगता है। अगर मेरी असली माँ होती तो मुझे इतना बुरा भला ना केहती और मुझे पढ़ाई करने से भी मना नहीं करती । “
यह सब सुन कर बिल्ली ने दूध ख़तम किया और वहां से चली गई।
और शाइनी अपने काम करने के लिए जाने लगी। जैसे ही उसने दुसरे कमरे मैं प्रवेश किया। उसने देखा के सारा कमरा एक दम साफ़ था। कपड़े धुल कर प्रेस किये हुए पड़े थे।
कमरा एक दम साफ़ था। ये देख कर शाइनी ने बाकि के कमरों की भी सफाई कर डाली।
कुछ समय बाद जब उसकी माँ आई तो घर का बदला रूप देख कर वह हैरान रह गई। उसे विश्वास ही नहीं हुआ के ये सब इतने कम समय मैं कैसे हो सकता है। यह सब जानने के लिए अगले दिन शाइनी की माँ ने जान बूझ कर पूरे घर मैं कचरा गिरा दिया और सारे बर्तन गंदे कर दिए और शाइनी को गुस्से मैं बोली
“मैं एक जरूरी काम से बाहर जा रही हूँ, अगर ये सब काम दो घंटे मैं पूरा ना हुआ तो आज रात को खाना नहीं मिलेगा”
यह कह कर वह घर से चली गई।
शाइनी बहुत डर गई थी और जल्दी मैं घर का सारा काम करने लग गई, यह सब जादुई बौने देख ही रहे थे, के उसी वक़्त शाइनी के हाथ से एक कांच की कटोरी गिर कर टूट गई, यह सब देख कर शाइनी समझ गई के आज रात उसे भूखा ही सोना पड़ेगा।
कुछ देर बाद वही बिल्ली अंदर आई और बोली
“आज दूध मिलेगा शाइनी?”
शाइनी ने अपना दुःख ना बताते हुए बिल्ली के लिए दूध डाला और अपना काम वापिस से करना शुरू कर दिया ।
यह सब शाइनी की सौतली माँ देख रही थी । उसने देखा के जब तक वो बर्तन साफ़ कर रही है पीछे से कुछ बौने घर का सारा काम कर रहे है। वह सोचती है के क्यों मैं इन बौनेो को पकड़ लूं । लेकिन जैसे ही वह उनको पकड़ने के लिए घर मैं आती है, उसे कोई नज़र नहीं आता। लेकिन घर पूरा साफ़ होता है। यह सब देख कर शाइनी की माँ को गुस्सा आता है और वह गुस्से मैं शाइनी की पिटाई करने लग जाती है ।
माँ
“बता कहा है वह बौने? बता कहा है वह बौने?”
शाइनी
“मुझे कुछ नहीं पता माँ आप किसकी बात कर रहे है, मैंने तो एक बिल्ली को दूध पिलाया था।”
लेकिन उसकी माँ ने एक बात ना सुनी और शाइनी की पिटाई करती रही । ठीक उसी वक़्त शाइनी के पापा आ जाते है, और यह सब देख कर उसकी माँ को बोलते है।
“मैंने कभी नहीं सोचा था एक तुम मेरे पीछे से इस बच्ची के साथ इतना बुरा बर्ताव करती हो, शुक्र है उस बिल्ली का जिसने मुझे सब बता दिया
और आज मैंने देख भी लिया के तुम शाइनी के साथ कैसा बर्ताव करती हो। मगर आज के बाद तुमने इस बच्ची को हाथ भी लगाया या
पढ़ाई करने से रोका तो मुझ से बुरा कोई ना होगा”
उस दिन के बाद शाइनी को उसकी माँ ने कभी तंग नहीं किया, और शाइनी ने खूब मन लगा कर पढाई की।
आगे जा कर शाइनी डॉक्टर बनी और उसने कई लोगो का मुफ्त में इलाज किया।
शिक्षा – इस कहानी से बच्चों हमें ये शिक्षा मिलती है के अच्छा करने वालों के साथ कभी बुरा नहीं होता।