Motivation : अपने मानसिक शांति के लिए चुप रहें
परिचय (Introduction)
मानसिक शांति के लिए किन मौकों पर क्यों जरूरी हो जाता है, चुप रहना है। कई बार, हम सब ऐसी
परिस्थितियों में फँस जाते हैं जहाँ बोलना ही नहीं, चुप रहना भी जरूरी होता है। तो आइए जानते हैं, किन मौकों पर हमें चुप रहकर मानसिक शांति प्राप्त हो सकती है।
मानसिक शांति के लिए चुप रहें (Keep Quiet For Peace of Mind)
जब आपका गुस्सा काबू में नहीं हो रहा हो तो, अक्सर गुस्से में आप ऐसे शब्द बोल जाते हैं जिनका हमें बाद
में पछतावा होता है। जब भी आपको लगे कि गुस्सा आप पर हावी हो रहा है, गहरी साँस लें और खुद को चुप
रहने की सलाह दें। इससे न केवल आप विवाद से बचेंगे, बल्कि आपकी मानसिक शांति भी बनी रहेगी। गुस्से
में लिए गए निर्णय और कहे गए शब्द अक्सर हमारे रिश्तों को नुकसान पहुँचा सकते हैं। इसलिए, जब भी गुस्से में हों, कुछ समय के लिए चुप रहना सबसे अच्छा विकल्प होता है।
जब आप सही शब्द नहीं ढूंढ पा रहे हों कभी-कभी हमारे पास अपनी बात कहने के लिए सही शब्द नहीं होते। ऐसे समय में चुप रहना बेहतर होता है। इससे हम बिना बात के गलतफहमी से बच सकते हैं और बाद में सही
शब्दों के साथ अपनी बात कह सकते हैं। जब आपके पास सही शब्द नहीं होते, तो आपकी बात का गलत मतलब निकाला जा सकता है। इसलिए, ऐसे समय में चुप रहना और अपने विचारों को स्पष्ट करने के बाद बोलना समझदारी है।
जब कोई आपकी भावनाओं को नहीं समझ पा रहा हो दोस्तों, ऐसा कई बार होता है जब सामने वाला व्यक्ति आपकी भावनाओं को समझ नहीं पा रहा होता। ऐसी स्थिति में अपनी बात कहने की बजाय चुप रहना ही बेहतर होता है, ताकि विवाद बढ़ने से रोका जा सके और आप अपनी मानसिक शांति को कायम रख सकें। अपनी भावनाओं को शांतिपूर्ण तरीके से व्यक्त करने के लिए सही समय का इंतजार करें। जब किसी से विवाद हो रहा हो विवाद के दौरान अगर दोनों पक्ष लगातार बोलते रहें तो समस्या का हल नहीं निकलता। ऐसे समय में थोड़ी देर चुप रहकर सोचें, फिर शांति से बात करें।
इससे न केवल समस्या का समाधान निकल सकता है, बल्कि आपकी मानसिक शांति भी बनी रहेगी। विवाद में शांत रहकर सोचने से आपको सही दृष्टिकोण मिल सकता है और आप समाधान की दिशा में बेहतर तरीके से काम कर सकते हैं। जब आपको स्पष्ट जवाब नहीं पता हो अगर आपको किसी सवाल का स्पष्ट जवाब नहीं पता हो, तो तुरंत जवाब देने की बजाय चुप रहना बेहतर होता है। इससे न केवल आप गलत जानकारी देने से बच सकते हैं, बल्कि आपको सोचने का समय भी मिल जाता है।
सही जानकारी और सही समय पर बोलने से आपकी विश्वसनीयता भी बढ़ती है। परिणाम स्वरूप ये थे कुछ ऐसे मौके जब चुप रहना आपकी मानसिक शांति के लिए जरूरी हो सकता है।
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